AAS 24newsभुंतर, 19 मई
कृष्णा कश्यप

दूसरों का दर्द देख अगर आपका दिल पसीज जाए और आपके हाथ मदद बढ़ते हैं तो यकीन मानिए भगवान ने आपको नेक कार्य के लिए ही इस धरा पर भेजा है। यही कारण हैं कि दूसरों के प्रति करुणा और दया का भाव रखने वाले लोग आज के इस दौर में भी इंसानियत को जिंदा रखे हुए हैं। ऐसे भले लोग इंसानों के साथ-साथ पशुओं से भी खूब लगाव रखते हैं।


ऐसा ही एक शख्स भुंतर स्थित हाथीथान का रहना वाला कर्ण बौद्ध हैं जो जरूरतमंद लोगों के साथ बेसहारा पशुओं की मदद के लिए कोशिश करता रहता हैं । भूख से भटकने वाले पशुओं के लिए कर्ण बौद्ध समय मिलने पर उन्हें चारे की व्यवस्था कर देते हैं।उनसे जीतनी भी थोड़ी बहुत मदद होती हैं उसे यह करते रहते हैं । सड़क या इधरउधर भटक रहे पशुओं के लिए चारा गाड़ी में डाल पर उन्हें पहुंचाते हैं । दरदर भटक रहे पशुओं का कर्ण बौद्ध चारे की व्यवस्था कर उनका ख्याल रखते हैं । कर्ण का कहना हैं की बेसहारा पशुओं की सेवा करना में अपना धर्म समझता हूं। पशु बोल नहीं सकते समझ उन्हें पूरी होती हैं । इंसान ही एहसान फरामोश है जो बेजुबानों का इस्तेमाल करने के बाद इन्हे आवारा छोड़ दिया।

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