AAS 24newsमंडी 13 जुलाई
लीलाधर चौहान

11 से 24 जुलाई 2022 तक आयोजित किए जा रहे विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाडा के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में जिला स्तरीय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० देवेन्द्र शर्मा ने की। बैठक में विश्व की तेजी से बढती हुई जनसंख्या के कारण होने वाले दुष्परिणाम तथा इसके नियंत्रण के बारे में चर्चा की गई ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० देवेन्द्र शर्मा ने बताया की आज विश्व की जनसंख्या 8 अरब के नजदीक पहुंच चुकी है। हर दिन के हर सेकंड में 4.2 बच्चे जन्म ले रहे है तथा दुनिया की आबादी प्रति वर्ष 1.10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इस तरह जनसंख्या का तेजी से बढ़ना पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय है । उन्होंने बताया कि बढ़ती हुई आबादी के लिए पर्याप्त भोजन, साफ पीने का पानी, कपड़े, निवास, रोजगार, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छ वातावरण तथा अच्छी शिक्षा आदि मूलभूत आवश्यकताएँ मुहैया करवाना भविष्य के लिए एक चुनौती है। अगर विश्व की जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती गई तो विश्व में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
उन्होंने बताया की भारत में जनसंख्या को रोकने के लिए 1952 में ही परिवार नियोजन राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसका उदेश्य देश के हर नागरिक तक परिवार नियोजन के साधनों के विकल्प की पहुंच को सुगम बनाना और परिवार की आर्थिक स्थितियों व माता-पिता एवं बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करना है ।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ० दिनेश ठाकुर ने बताया की जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन की अहम भूमिका है, परन्तु आजादी के बाद भी हमारे समाज में गर्भनिरोधकों के साधनों पर खुल कर बात नहीं की जाती है। उन्होंने उपस्थित पात्र दम्पतियों, आशा कार्यकर्ताओं व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के महत्व के बारे में जिला मंडी मंे चलाये गये कार्यक्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यक्रम के बारे में स्वास्थ्य प्रदर्शनी, गर्भ निरोधकों के लाभों तथा वहां तक पहुंच बनाने के लिए घर-घर जा कर लोगों को परिवार नियोजन को अपनाने बारे जागरूक करने का आह्वान किया ।
उन्होंने बताया की परिवार नियोजन न सिर्फ जनसंख्या को नियंत्रित करता है परन्तु लोगों को अनचाहे गर्भ को रोकने, गर्भपात से बचाव, बच्चों के बीच अन्तराल, महिलाओं में खून की कमी, कुपोषण से बचाव, माँ और बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार, यौन रोगों से छुटकारा आदि लाभ मिलते है। उन्होंने बताया की हमें समाज में सभी वर्गों को मिलाकर जनसंख्या को रोकने के लिए लड़का और लड़की में भेदभाव को कम करना, बाल विवाह रोकना, बड़ी उम्र में शादी, महिला शिक्षा, यौन शिक्षा तथा धार्मिक परम्पराओं को दूर करके जनसंख्या को स्थिर रखा जा सकता है।


डॉ० पवनेश ने वताया कि पूरे जिला मंडी के सभी स्वास्थ्य खंडों में जनसंख्या नियंत्रण के लिए दो चरणों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है । सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार नियोजन की प्रदर्शनी तथा परामर्श केंद्र खोले गये हैं । परिवार नियोजन के पुरुषों की भागीदारी सुनिश्चित हो उसके लिए पुरुष नसबंदी कैंप निशुल्क उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ0 धर्म सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ० अनुराधा, डॉ० अरिंदम रॉय, स्वास्थ्य शिक्षक सोहन लाल ने भी अपने विचार रखे।

By Leela Dhar Chauhan

LeelaDhar Chauhan (9459200288) MD/Chief Admin AAS 24news email-leeladhar9@gmail.com

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