महात्मा गांधीजी का जन्म गुजरात के पोरबन्दर में हुआ और मृत्यु दिल्ली में तो उनकी समाधि भी दिल्ली में बनाई गई। कश्मीरी पंडित जवाहरलाल नेहरू जी का जन्म उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ और मृत्यु दिल्ली में हुई तो उनकी समाधि भी दिल्ली में बनाई गई। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड़ में हुआ और मृत्यु बम्बई (मुंबई) में तो उनकी समाधि भी मुंबई में बनाई गई।
लालबहादुर शास्त्री का जन्म वाराणसी में हुआ और मृत्यु ताशकंद, सोवियत संघ में हुई और उनकी समाधि दिल्ली में बनाई गई। जय प्रकाश नारायण का जन्म बिहार में हुआ और मृत्यु भी बिहार में तो उनकी समाधि भी बिहार में बनाई। बाबू जगजीवन राम का जन्म बिहार हुआ और मृत्यु दिल्ली में तो उनकी समाधि दिल्ली बनाई गयी।
ऐसे बहुत नेता रहे जिनकी समाधि वहां बनी जहां उनकी मृत्यु हुई या फिर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना किनारे बनाई गई। बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म महू में हुआ और मृत्यु दिल्ली में लेकिन उनकी समाधि मुंबई में बनाई ऐसा क्यों? जबकि ऐसी उनकी कोई ईच्छा हो इसका भी कोई प्रमाण नहीं मिलता है। उनका सबकुछ लगभग दिल्ली में ही था फिर शव को मुंबई क्यों भेजा गया?
राष्ट्रीय राजनीति को यदि ठीक से समझें तो डॉ अम्बेडकर की समाधि मुंबई में महापरिनिर्वाण दिवस पर जितने लोग जुटते हैं अगर यह समाधि दिल्ली में होती तो आज वहां इंच भर जगह न रहती। तत्कालिक नेताओं को इसका कहीं न कहीं आभास था। बाबा साहेब के विचारों को उत्तर भारत तक पहुंचने में एक बड़ा समय लगा उसका यही कारण है। ठीक से अवलोकन कीजिये जवाब अवश्य समझ आयेगा।