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मृगेंद्र पाल, गोहर
जिला मंडी के नाचन वनमंडल के तहत तुना वन बीट के समीप एक जँगली मोर पर गीदड़ों के झुंड ने हमला बोल दिया। जिसमें मोर बुरी तरह घायल हो गया। तुना के ग्रामीणों ने साहस का परिचय देते हुए मोर को गीदड़ों के चुंगल से आजाद ही नहीं किया बल्कि उसे वन विभाग के सुपुर्द कर अपनी वन्य प्राणी प्रेमी होने का परिचय व वन प्राणियों की रक्षा करने का संदेश भी दिया। पता चला कि मंगलवार दिन के समय तुना के जंगल में मोर और गीदड़ों के शोरगुल से स्थानीय ग्रामीण सहम गए और बड़ी संख्या में ग्रामीण जंगल की ओर भागे। जंगल में पहुंच कर ग्रामीणों ने मोर पर झपटकर उसे नोचने का मंजर देखा। मोर को मुसीबत में देख ग्रामीणों ने पत्थरों की बौछार से गीदड़ों के झुंड को मौका पर से भगाया तथा घायल मोर को उठाकर गांव लेकर आए। उसके उपरांत ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को बुलाकर उनके सुपुर्द कर दिया। वन विभाग की ओर से वन रक्षक तोयतकांत व वन कर्मी घायल मोर को पशु अस्पताल गोहर ले गए। जहां से पॉली क्लीनिक नेरचौक ले गए, नेरचौक में पर्याप्त इलाज न होने से उसे जोनल पशु अस्पताल मंडी ले गए। जहां उसका उपचार चल रहा है। डीएफओ नाचन तीर्थराज धीमान व वन परिक्षेत्राधिकारी दिव्यांश ठाकुर ने बताया कि मोर के शरीर के विभिन्न हिस्सों में चोटें आई है तथा टांगें व पंजे भी चोटिल हैं। फिलहाल वन विभाग की देखरेख में मोर का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया है कि मोर की टांगों की आज सर्जरी की जाएगी।
फोटो परिचय: गीदड़ों के हमले में घायल मोर।