उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने कहा है कि जिला में वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत लंबित मामलों का रणनीति बनाकर निपटारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय पर एफसीए की मंजूरी न मिलने के कारण विकास परियोजनाओं में अकसर देरी हो जाती है। एफसीए की मंजूरी के बाद ही विकास कार्यों के लिए विभागों को वन भूमि हस्तांतरित होगी।

उपायुक्त डीआरडीए हॉल में आयोजित बैठक में एफसीए (फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट) के अन्तर्गत लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में वन विभाग, कोर्ट, लोक निर्माण, जल शक्ति, पर्यटन, शिक्षा, एनएचएआई, पावर कारपोरेशन सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में बताया गया कि मंडी वन वृत में पर्यावरण मंजूरी के लिए पोर्टल परिवेश 1.0 में 182 और परिवेश 2.0 में 78 मामलों सहित कुल 260 मामले लंबित हैं।

उपायुक्त ने बैठक में पर्यावरण मंजूरी के लिए मौजूद 111 मामलों की एक-एक कर सभी मामलों की समीक्षा की तथा विभागों को इनके निपटारे के लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पोर्टल से हट गए 159 मामलों के निपटारे के लिए संबंधित विभागों को पत्र जारी होंगे। उन्होंने कहा इन मामलों को पुनः अपलोड करने के लिए संबंधित विभागों द्वारा जरूरी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने वन विभाग को सभी उपयोगकर्ता एजेंसियों के साथ सहयोग करने का भी आग्रह किया ताकि लंबित मामलों का जल्दी से जल्दी निपटारा हो सके।

उपायुक्त ने बताया कि मंडी वन वृत में परिवेश 1.0 में कुल 182 मामले लंबित हैं जिनमें से 51 में सैद्धांतिक अनुमति स्टेज-1 मिल चुकी है तथा 109 मामले यूजर एजेंसी द्वारा जरूरी विवरण अपलोड न करने पर केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पोर्टल से स्वतः ही हट गए हैं। डीएफओ स्तर पर केवल 3 मामले लंबित हैं। परिवेश 2.0 में कुल 78 मामले लंबित हैं जिनमें से यूजर एजेंसी द्वारा आवश्यक विवरण अपलोड न करने पर 50 मामले पोर्टल से हट गए हैं।

अपूर्व देवगन ने लम्बे समय से लंबित मामलों के निपटारे के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न स्तरों पर लगाई गई टिप्पणियों पर कार्यवाही करें ताकि मामलों को स्वीकृति मिल सके। उन्होंने कहा कि मामलों के निपटारे के लिए वन विभाग से तकनीकी सहयोग ले सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह एफसीए से जुड़े सभी मामलों पर निरंतर ध्यान दें ताकि विकासात्मक कार्यों के लिए भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो सके।

डीएफओ (जिला मुख्यालय) अंबरीश शर्मा ने बैठक का संचालन किया।

बैठक में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धार्थ सरपाल, डीएफओ मंडी बसु डोगर और नाचन एस.एस. कश्यप सहित जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

By Leela Dhar Chauhan

LeelaDhar Chauhan (9459200288) MD/Chief Admin AAS 24news email-leeladhar9@gmail.com

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