गोहर पुलिस ने क्रूरता अधिनियम (11) के तहत मामला किया दर्ज,
जिला मंडी के चल चौक उप मंडल गोहर का है मामला,
AAS 24news Gohar ( Mandi)
जिला मंडी के गोहर उपमंडल के मुख्य बाज़ार चैलचौक में सार्वजनिक स्थल पर एक देवता स्थापना कार्यक्रम में सार्वजनिक रूप से पशु बलि होने की शिकायत पर गोहर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। बता दे कि फिर ईमेल के माध्यम से सुरेश कुमार अध्यक्ष राइट फाउंडेशन गांव और डाकघर चल चौक द्वारा की गई है।
पुलिस में दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि चैलचौक में वीरवार सुबह एक देवता की चौक पर स्थापना के दौरान सार्वजनिक रूप में दो पशुओं की बलि (बकरे) दी गई। सुरेश कुमार ने बताया कि प्रकरण में गोहर पुलिस के सामने उच्च न्यायालय के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि पशु क्रूरता अधिनियम की भी चैलचौक बाजार में धज्जियां उड़ाई गई है। आरोप है कि इस मौके पर सैकड़ों लोग और स्थानीय पाठशाला चैलचौक के सभी बच्चे व अध्यापक भी मौजूद रहे । यह भी प्रश्न है कि स्कूली बच्चे किस के आदेशों से कार्यक्रम में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है चैलचौक बाजार के चबूतरे पर लगे पुलिस के सरकारी सीसीटीवी कैमरे में पशु बलि क्रूरता कैद हुई है। हमने इस पूरे प्रकरण को नाचन विधायक के फेसबुक पर लाइव देखा जिसमें बकरा भी दिखाई दे रहा है। कुछ अन्य लोगों ने भी लाइफ के माध्यम से इस पूरे घटनाक्रम को दिखाया है।
सुरेश कुमार का आरोप है कि जब पशु बलि दी गई तो वहां पुलिस भी मौजूद थी और पशु बलि के बाद पुलिस ने उच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाया है। शिकायतकर्ता ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री,डीजीपी पुलिस, एसपी मंडी और गोहर पुलिस से इस मामले पर एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई थी।
जिस पर गोहर पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम (11) के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता लीलाधर चौहान ने इस घटनाक्रम की घोर निंदा की है और कहा है कि इस तरह की घटनाओं से समाज में अंधविश्वास फैल रहा है। उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की हो रही है कि ऐसे प्रकरण को दिखाने के लिए मासूम बच्चों को भी पंक्तियों में खड़ा किया गया था। उन्होंने कहा कि जिला मंडी के प्रशासन को इस घटनाक्रम पर सख्त से सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह के प्रकरण सामने ना आए। उन्होंने शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा उपनिदेशक जिला मंडी से निवेदन किया है कि स्कूली बच्चों को इस कार्यक्रम में परमिशन संबंधी जांच पड़ताल जरूर करें ताकि भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम में मासूम बच्चों को पाखंड से बचाए जा सके।
अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता हेमसिंह ठाकुर ने इस घटना के संदर्भ में कहा:-
हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है ,यह समझ से परे है । हम बच्चों को स्कूल में शिक्षा लेने के लिए भेजते हैं ताकि उनके अंदर वैज्ञानिक दृष्टिकोण की समझ हो। धार्मिक पाखंड करवाने के लिए उन्हें अनपढ़ रखते। स्कूल के बच्चों को कक्षाओं से उठाकर बकरा कैसे कटता यह देखने के लिए बाजार में खड़ा कर दिया।
जहां किसी महापुरुष की प्रतिमा स्थापित की जानी चाहिए थी ,वहां आस्था के नाम पर अंधविश्वास को स्थापित कर दिया।
हैरानी की बात यह रही कि सारा कर्मकांड प्रशासन की आंखों के सामने घटित हुआ जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
पुलिस अधीक्षक जिला मंडी(SP) साक्षी वर्मा ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।