जिला मंडी के सराज विधानसभा क्षेत्र में ओलावृष्टि होने से सेब की फसल को भारी नुकसान हुआ है जिससे बागवान निराश हुए हैं। हालांकि अच्छी और हल्की बारिश किसानों के लिए वरदान सिद्ध हुई है क्योंकि मटर गोभी तथा अन्य फैसले तबाह होने वाली थी। बता दे सराज विधानसभा क्षेत्र में बागवानी करने वाले क्षेत्रों में जंजैहली और बगस्याड के बागवान अग्रणी भूमिका निभाते हैं जहां बागवान करोड़ो रुपए सेब की फसल से कमाते हैं। इसके अलावा बागवानी में छतरी, बालीचौकी ,थाची, बागा बागाचनोगी , शिल्लीबागी के क्षेत्र में भी बागवान खूब मेहनत करते हैं और अच्छी फसल निकाल कर लाखों रुपया कमाते हैं।
वर्तमान समय में सेब के बगीचों में फूल पूरी तरह से खिल चुके हैं कि फ्रूट सेटिंग हो रही है। बागवानों की माने तो इस दौरान ज्यादा बारिश भी फसल के लिए नुकसानदायक रहती है। आज भारी मात्रा में ओलावृष्टि जब हुई तो क्षेत्र के बागबानो ने हमें टेलीफोन के माध्यम से अपनी फसल के नुकसान बारे जानकारी दी सराज के बगस्याड क्षेत्र के रैनधार से प्रसिद्ध बागवान खेम सिंह चौहान ने बताया कि उनके बगीचे में भारी ओलावृष्टि से सब के पौधे में लगाई गई नेट भी टूट गई जिससे फसल को भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। उन्होंने सरकार से प्रार्थना की है कि उन्हें मुआवजा दिलाया जाए। वही जंजैहली क्षेत्र के बागवान प्रेम सिंह चौहान, गणेश चौहान , मदनलाल , मुरारी लाल इत्यादि दर्जन बागवानों ने हमें टेलीफोन के माध्यम से सूचना दी कि ओलावृष्टि से उनकी सेब की फसल को नुकसान हुआ है हालांकि क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों से दर्जनों बागवानों ने सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो शेयर किए ।
सुनिए क्या कहते हैं एचडीओ
ओलावृष्टि से क्षेत्र में बागवानों को हुए नुकसान से संबंधित जानकारी देते हुए एचडीओ गितेश कुमार ने बताया कि उन्हें भी क्षेत्र के बागवानों से जानकारी हासिल हुई है कि भारी ओलावृष्टि होने से सराज विधानसभा क्षेत्र में सेब की फसल बर्बाद हुई है । उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में फ्रूट सेटिंग हो रही है कि अब बारिश होने से फ्रूट सेटिंग सही तरीके से नहीं हो पाएगी। मधुमक्खियां अपना काम सही तरीके से नहीं कर पाएगी जिससे फसल कम आ सकती है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने अभी तक सेब के पौधों में नेट का इस्तेमाल भी नहीं किया था जिनका बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है।
उन्होंने बताया कि कल से वे बागवानों के बगीचे में जाकर फसल की बर्बादी का आकलन करेंगे तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बागवानों को मुआवजा दिलाने का प्रयास करेंगे।