मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज शिमला में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। राज्य कैबिनेट ने लेवल-11 वेतनमान के पदों को ग्रुप-बी से ग्रुप-सी में पुनर्वर्गीकृत करने को स्वीकृत प्रदान की। इस निर्णय के तहत अब केवल बोनाफाइड (स्थाई/मूल) हिमाचली ही ग्रुप-सी पदों के लिए आवेदन करने हेतु पात्र होंगे। पहले ग्रुप-बी श्रेणी के तहत आने वाले इन पदों की भर्ती हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती थी, और देशभर के अभ्यर्थी इन पदों के लिये आवेदन कर सकते थे। अब इनकी भर्ती प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के माध्यम से ग्रुप-सी के नियमों के तहत की जाएगी।

राज्य कैबिनेट ने लोक निर्माण विभाग के लगभग 5000 मल्टी टास्क वर्कर्स (बहुकार्य कर्मचारी) का मासिक मानदेय 5000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये करने को मंज़ूरी दी।

राज्य कैबिनेट ने ग़ैर-सरकारी दुग्ध सहकारी समितियों को दूध आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए दूध प्रोत्साहन योजना आरम्भ करने का निर्णय लिया। इसके तहत दुग्ध उत्पादकों को 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी (उपदान) डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर/प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से दी जाएगी।

कैबिनेट बैठक में हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) का मुख्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने को स्वीकृति प्रदान की गई। यह निर्णय कांगड़ा को हिमाचल प्रदेश की पर्यटन राजधानी घोषित किए जाने के मद्देनज़र लिया गया है। इस निर्णय से शिमला शहर पर भीड़ का दबाव कम करने में सहायता मिलेगी।

बैठक में ज़िला पुलिस, देहरा की पुलिस लाइनों में विभिन्न श्रेणियों के 101 पदों के सृजन तथा उन्हें भरने की मंज़ूरी दी गई।

राज्य सरकार ने स्वरोज़गार को प्रोत्साहित करने और पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना हेतु ब्याज़ सब्सिडी प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की है। इस निर्णय के तहत जनजातीय क्षेत्रों में 100 किलोवॉट से 1 मैगावॉट की परियोजनाओं पर 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी; जबकि गैर-जनजातीय क्षेत्रों में 250 किलोवॉट से 2 मैगावॉट की परियोजनाओं पर 4 प्रतिशत ब्याज़ सब्सिडी मुहैया करवाई जाएगी।

राज्य कैबिनेट ने हिमऊर्जा (HIMURJA) और चयनित ग्राम पंचायतों के बीच 100 पंचायतों में 500 किलोवॉट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर को स्वीकृति प्रदान की। प्रत्येक परियोजना से लगभग 25 लाख रुपये मासिक आय होने की उम्मीद है। इस आय का 30 प्रतिशत हिस्सा HIMURJA को, 20 प्रतिशत राज्य सरकार को और 40 प्रतिशत संबंधित ग्राम पंचायतों को मिलेगा। अतिरिक्त 10 प्रतिशत आय अनाथों तथा विधवाओं के कल्याण हेतु पंचायतों को प्रदान की जाएगी।

कैबिनेट ने प्रदेश की 3645 पंचायतों में पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित करने का फ़ैसला लिया है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में मानवीय जीवन और संपत्तियों की रक्षा के लिए त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

By Leela Dhar Chauhan

LeelaDhar Chauhan (9459200288) MD/Chief Admin AAS 24news email-leeladhar9@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *