योजना के तहत विवाह अनुदान के रूप में जिला के 24 लाभार्थियों को दो-दो लाख रुपए जारी
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना समाज में अंतिम व्यक्ति के उत्थान की दिशा में प्रदेश सरकार की संवेदनशील सोच को मूर्तरूप प्रदान कर कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को साकार करने में अहम भूमिका निभा रही है। योजना के तहत बेसहारा एवं अनाथ बच्चों व व्यस्कों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। शून्य से 27 वर्ष आयु के सभी पात्र लाभार्थियों के पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा से लेकर उनकी घर-गृहस्थी तक संवारने का प्रावधान इस योजना में है।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के तहत जिला में 24 पात्र लाभार्थियों को विवाह अनुदान सहायता का लाभ प्रदान किया गया है। राज्य सरकार का यह प्रयास अनाथ और बेसहारा युवक-युवतियों के विवाह के इस महत्वपूर्ण अवसर को पूरी गरिमा और खुशी के साथ मनाने में उन्हें सक्षम बनाने का है। योजना के तहत विवाह अनुदान के रूप में दो लाख रुपए की सहायता का प्रावधान है। इसमें से 70 प्रतिशत राशि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की जाती है जबकि शेष 30 प्रतिशत राशि पांच साल के लिए सावधि जमा के रूप में प्रदान की जाती है।
पधर उपमंडल की ग्वाली पंचायत के पुंदल गांव निवासी नवीन कुमार इस योजना के लाभार्थी हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत उन्हें अन्य लाभों के साथ ही शादी के लिए अनुदान सहायता राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि माता-पिता के देहांत के बाद वे जीवन में एक सूनापन महसूस कर रहे थे। ऐसे में सुख-आश्रय योजना के तहत उन्हें राज्य सरकार का माता-पिता के रूप में संबल मिला। विवाह जैसे विशेष अवसर पर भी प्रदेश सरकार का आशीर्वाद मिला। इसके लिए वे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का विशेष तौर पर आभार व्यक्त करते हैं जिनकी उदार एवं करूणामयी सोच के कारण ही बेसहारा व अनाथ बच्चे “चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट” के रूप में एक सम्मानजनक जीवन-यापन कर पा रहे हैं।
करसोग उपमंडल के भनेरा गांव की पूनम शर्मा भी इस योजना की लाभार्थी रही हैं। उनके चेहरे की मुस्कान और आत्मविश्वास इस योजना की सफलता की सबसे बड़ी पहचान है। पूनम शर्मा को मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के अंतर्गत 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई है। यह योजना उन बेटियों और युवाओं के लिए आशा की किरण बन चुकी है, जो कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ना चाहते हैं। उनके लिए यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, बल्कि एक भावनात्मक सहारा भी है।
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना ने यह भी संदेश दिया है कि जब नीयत नेक हो और सोच संवेदनशील, तो सरकार के कल्याणकारी फैसले लाखों ज़िंदगियों को नई राह दे सकते हैं।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला में प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पात्र लाभार्थियों को विवाह अनुदान के साथ ही उन्हें योजना के अन्य लाभ भी समयबद्ध सुनिश्चित किए जा रहे हैं।

By Leela Dhar Chauhan

LeelaDhar Chauhan (9459200288) MD/Chief Admin AAS 24news email-leeladhar9@gmail.com

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