मनरेगा में 15 वर्ष पूर्व बनी सड़क दो गुटों की आपसी लड़ाई के कारण बंद
दुग्ध उत्पादको ने सड़क को अति शीघ्र बहाल करने की उठाई मांग..
AAS 24newsपडोह, 11 सितंबर
बालक राम
हिमाचल के सिराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सरोआ में 15 वर्षों से वाहन योग्य सड़क शनिवार को दो गुटों की आपसी लड़ाई के कारण पत्थर फैक कर बंद कर दी गई। हालांकि जिला प्रशासन की ओर से पुलिस के हस्तक्षेप के बाद भी रविवार तक सड़क बहाल नहीं हो पाई जिससे स्थानीय लोगों में खासा रोष व्याप्त है। सड़क के बंद होने से जहां आम लोगों की आवाजाही पूरी पूर्ण रूप से बाधित हुई है वही दुग्ध उत्पादकों के लिए एक विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। सरोआ से झोट नामक मनरेगा सड़क जिसकी लंबाई 9 किलोमीटर है को मुख्य द्वार सरोआ के पास बंद कर दिया गया है। जिस कारण ग्राम पंचायत आणा व सरोआ के दुर्गम गांव में बसे किसानों व पशुपालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अणाह वह झोट गांव से लगभग 400 लीटर दूध मिल्क फेडरेशन को सप्लाई किया जाता है। यह दूध लोगों के घर द्वार से मिल्क फेडरेशन की गाड़ी के माध्यम से उठाया जाता था। जो रविवार को सरोआ में दुग्ध उत्पादकों द्वारा अपनी पीठ में उठा कर 6 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद सरोआ में पहुंचाया गया। जिस कारण दुग्ध उत्पादकों में पंचायत व जिला प्रशासन के प्रति भारी रोष व गुस्सा पनप रहा है।
बाल दासी जय देवी दुग्ध उत्पादक स्मृति अण्णा ने बताया कि सड़क को जानबूझकर बंद किया गया है। जिससे मिल्क फेडरेशन की गाड़ी पशुपालकों के घर द्वार नहीं पहुंच पा रही है। पशुपालक बहुत परेशान है। जबकि बड़ा पंचायत के फतेह सिंह ने बताया कि यह सड़क पिछले 15 वर्षों से सुचारू रूप से चल रही है। जिसे दो गुटों की आपसी रंजिश के कारण बाधित किया गया है। इस सड़क का खोलना आम जनमानस के लिए अति आवश्यक है। पंचायत प्रधान सरोआ पूर्ण चंद्र ने बताया कि हमने दोनों गुटों के साथ सहमति के लिए बहुत प्रयास किए। जिससे सड़क बाहल हो सके। यहां तक की पुलिस को भी हस्तक्षेप के लिए घटनास्थल पर बुलाया गया। मगर दुख की बात है कि दोनों गुट किसी भी रूप में सड़क को बहाल करने के पक्ष में नहीं है। प्रधान ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि यह सड़क ग्राम पंचायत सरोआ व ग्राम पंचायत अणाह की भाग्य रेखा है। लगभग 1000 लोग इस सड़क से लाभान्वित होते हैं। जहां स्कूली बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए कॉलेज व आईटीआई के लिए बाइक के माध्यम से जाते हैं वही दुग्ध उत्पादक भी इस सड़क का पूरा पूरा लाभ उठाते हैं।
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प्रधान ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि इस सड़क को अति शीघ्र बहाल किया जाए जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से बहाल हो सके। निश्चित रूप से इस सड़क का खुल्ला ना केवल 2 पंचायतों के लिए लाभकारी है अभी तू आसपास की 5 पंचायतों को भी यह सड़क लाभान्वित करती है। बेशक यह सड़क मनरेगा में निर्मित की गई है मगर यह सड़क आज के दौर में ग्रामीणों का मुख्य सड़क मार्ग बन चुका है। इसलिए इसकी बहाली आम जनमानस के लिए अति आवश्यक है।