पुलसिया बूट द्वारा पत्रकारों को रौंदने वाला मामला जिसने हिमाचल पुलिस को कर दिया शर्मसार,,
आप सभी जानते हैं कि कुछ दिन पहले जिला कुल्लू के आनी DSP सहित पुलिस कर्मियों ने तीन पत्रकारों की बेरहमी से पिटाई कर दी थी जिसके आधार पर AAS 24news Chairman एवं सामाजिक कार्यकर्ता लीलाधर चौहान ने इस मामले को 4 अप्रैल रात्रि लाइव के माध्यम उजागर किया था। लाइव के दौरानतीनों पत्रकारों सर्वदयाल, नीमा राम और मदन ने अपनी आपबीती सुनाई थी हालांकि टीम के साथी लोकेंद्र सिंह वैदिक और गब्बर सिंह वैदिक ने भी अपना पक्ष रखा था।
5 अप्रैल 2024 को लीलाधर चौहान सहित Human Rights Defender Team के साथी पीड़ित और प्रताड़ित पत्रकार साथियों के साथ पुलिस अधीक्षक कल्लू के कार्यालय पहुंचे जहां पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया मगर मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई।
हालांकि इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा तीनों पत्रकारों सहित दो स्वतंत्र गवाहों के बयान कलम बंद करवाए गए फिर भी मामला दर्ज नहीं हुआ।
उसके बाद लीलाधर चौहान सहित टीम जिलाधीश कल्लू के कार्यालय में पहुंचे जहां जिलाधीश ने कहा कि उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी मगर बहुत धीमी गति से कार्रवाई हो रही है।
6 अप्रैल को लीलाधर चौहान सहित टीम उपमंडल अधिकारी नागरिक निरमंड में पीड़ित और प्रताड़ित पत्रकारों के लिए सुरक्षा की मांग की मगर साहब भी असमर्थ दिखे ।
6 अप्रैल को ही लीलाधर चौहान सहित टीम ने निरमंड थाने में जाकर पीड़ितों की शिकायत को थाना प्रभारी के समक्ष रखा ताकि भविष्य में पुलिस के उच्च अधिकारी ना कहीं की अपने थाने में शिकायत नहीं दी है।
8 अप्रैल को जिला कुल्लू के आनी कोर्ट में तीनों पत्रकारों ने न्यायाधीश के समक्ष अपनी आपबीती सुनाई तथा पुलिस की पिटाई से शरीर में आई चोटें भी दिखाई।
हालांकि मामला कोर्ट में चला है मगर तुरंत प्रभाव से पुलिस की खिलाफ कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है जिसके लिए अब पीड़ित और प्रताड़ित साथी सहित टीम मुख्यमंत्री के दरबार पहुंचे हैं।
अब देखते हैं पुलिस की दादागिरी और दबंगई के खिलाफ मुख्यमंत्री क्या कदम उठाते हैं , कार्रवाई के लिए कितने दिन लग जाएंगे?
कुछ दिन इंतजार करेंगे फिर एक आंदोलन की तैयारी करेंगे।
हम हमेशा इस लड़ाई में शामिल रहेंगे जब तक इंसाफ ना मिले,,,