सराज विधानसभा क्षेत्र के सुप्रसिद्ध जिला स्तरीय मेला कुथाह का शुभारंभ आज विधिवत हो गया है जिसमें बतौर मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिलाधीश मंडी रोहित राठौर ने शिरकत की। बता दे कि मेला ग्राउंड से मंच तक बाजे गाजे के साथ मुख्य अतिथि का स्वागत फूल मालाओं तथा तालिया की गड़गड़ाहट से किया गया। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर मेले का विधिवत शुभारंभ किया गया। मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं उपमंडलाधिकारी लक्ष्मण कनेत ने मुख्य अतिथि को शॉल टोपी तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि के सम्मान समारोह के दौरान तहसीलदार थुनाग रजत सेठी,खंड विकास अधिकारी सराज स्थित जंजैहली प्रियंका बर्मा सहित उपमंडल प्रशासन तथा स्थानीय पंचायत के प्रधान भी मौजूद रहे। हालांकि मंच पर सराज कांग्रेस के नेता जगदीश रेड्डी भी मौजूद थे जिन्हें बाद में बैज लगाकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि द्वारा संक्षिप्त संबोधन दिया गया क्योंकि मासूम स्कूली बच्चे अपनी अपनी प्रस्तुति के लिए काफी समय से इंतजार कर रहे थे। मुख्य अतिथि ने संबोधन में कहा कि मिले हमारी संस्कृति की पहचान है कि इस संस्कृति को बचाए रखना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वे भी बचपन में इस तरह के मेलों में जाया करते थे और खूब शॉपिंग करके आते थे। अपने संबोधन में चुटकी लेते हुए स्कूली छात्र एवं छात्राओं को एक संदेश दिया कि वर्तमान समय में ज्यादातर बच्चे मोबाइल की दुनिया में व्यस्त रहते हैं जिससे कि हम अपने विचारों को आदान-प्रदान इस तरह के मेलो में भी नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोग अपने इस मेले में बढ़-कर करके भाग लें और मेले में देवी देवताओं के आशीर्वाद के अलावा खूब खरीदारी भी करें। क्षेत्र के लोगों को एक संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि मेले मिलन के लिए होते हैं जहां हमें आपसी विचारों का आदान-प्रदान करना चाहिए ताकि आपका भाईचारा बना रहे।
मुख्य अतिथि के संबोधन से पहले मेला कमेटी के अध्यक्ष एवं उपमंडलाधिकारी लक्ष्मण कनेत ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए मेले में आए लोगों का भी स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस बार मेले में चार सांस्कृतिक संध्या आयोजित की जाएगी जो 26 मई से 29 मई तक आयोजित की जाएगी।
स्थानीय तुंगाधर पंचायत के प्रधान हेमराज ने मुख्य अतिथि का मेले में आने के लिए अंत में धन्यवाद किया।
बता दे कि यह मेला 22 में से 30 में तक मनाया जाता है जिसमें क्षेत्र के लोग खूब खरीदारी भी करते हैं। हालांकि पहले यह मेला गुछियो के लिए मशहूर माना जाता है मगर वर्तमान दौर में अब गुछियां बड़ी मुश्किल से मिलती है कि धीरे-धीरे अब यह मेला कुछ और ही रंग दिखा रहा है।
बता दें कि इस बार मेले के शुभारंभ का कार्यक्रम करीब 2:00 बजे का रखा गया था मगर मुख्य अतिथि के आने से पहले देवी देवताओं के कार्यकरिंदो के बीच तालमेल ना बैठने की वजह से काफी देरी हो गई हालांकि मुख्य अतिथि समय पर पहुंच गए थे। मेले में देवी माहामाई व तुंगासी व अन्य देवताओं की जलेब तथा जश्न हुआ तत्पश्चात शुभारंभ में समय के करीब 5:00 बज गए ।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय पाठशालाओं के छात्र एवं छत्राओं ने मनमोहन प्रस्तुत यदि। इसके अलावा स्थानीय महिला मडलर हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री महाविद्यालय थुनाग की छात्राओं ने राजस्थानी वेशभूषा लगाकर विभिन्न प्रस्तुतियां दी।
फोटो कैप्शन: मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करती एसडीएम