जयराम के मुख्यमंत्री बनते ही मांगों को लगे पंख…
आखिर पड़ोह के लोगों ने क्या बिगाड़ा
AAS 24newsपडोह,4 जून
बालक राम..
हिमाचल प्रदेश को देश के मानचित्र पर सजाने वाला पंडोह डैम है। जिसमें 1961 में 990 मेगावाट विद्युत उत्पादन व्यास सतलुज लिंक परियोजना का शिलान्यास हुआ और 7-7-1977 से विद्युत उत्पादन आरंभ होकर निरंतर जारी है। इस डैम ने हिमाचल प्रदेश को विश्व के मानचित्र पर अंकित कर दिया। अपनी हजारों बीघा जमीनें, घर, रोजगार पंडोह निवासियों ने राष्ट्रीय उत्थान के लिए बिना किसी लोभ के त्याग दिये। ताकि भविष्य में पंडोह का विकास तेज गति से आगे बढ़े। राष्ट्र धरोहर पंडोह डैम बीबीएमबी के लिए सोने का अंडा देने की मुर्गी जरूर बनी है , मगर स्थानीय लोगों विशेषकर विस्थापितों के लिए यह परियोजना एक अभिशाप बनकर रह गई है। ना तो जमीन के बदले जमीनें मिली और ना मिला रोजगार मिला तो केवल उत्पीड़न। पंडोह के आसपास के क्षेत्र निश्चित रूप से विकसित हुए हैं मगर पंडोह आज भी कॉलेज, उप तहसील, विकास खंड कार्यालय सब्जी मंडी बस अड्डे और रैन सेल्टर जैसी छोटी छोटी मांगों को लेकर संघर्षरत है। कभी कांग्रेस पार्टी तो कभी भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेता सभी पंडोंह के लोगों को छलते रहे हैं। झूठे आश्वासन देकर अपने-अपने पक्ष में वोट बटोरते रहे हैं। मगर जैसे ही प्रदेश में मंडी जिला से ताल्लुक रखने वाले, पंडोह से अपनी जीत की रणनीति तय करने वाले प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर जय राम जी की ताजपोशी हुई तब से पंडोह के लोग आशाभरी निगाहों से मुख्यमंत्री की ओर टकटकी लगाये बैठें हैं। मानो आज पूरी होगी, कल घोषणा होगी, परसों होगी। मगर वो दिन नहीं आया। लगभग पौने 5 साल बीत गए। हम हाथ मलते ही रह गये। मंडी से पहली बार बने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पंडोह की एक भी मांग पूरी नहीं कर सके हैं। जिससे पंडोह के लोग निराश हैं,हताश हैं। फिर चाहे वो भाजपाई हों या कांग्रेसी। टीस सब के मन में है। बोलता कोई नहीं। क्योंकि मुख्यमंत्री हमारे हैं, हमारी मंडी से हैं। हाल ही में प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री ठाकुर जयराम ने मां बगलामुखी मंदिर बाखली जनसभा में पंडोह में डिग्री कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। जिसके लिए जमीन और अन्य औपचारिकताओं की जिम्मेदारी द्रंग विधायक जवाहर ठाकुर को दी गई थी। जवाहर ठाकुर ने भी मौक़े का फायदा उठाते हुए पंडोह के विकास पर डाका मारते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र दरंग के सयोल में खोलने की प्रपोजल बना डाली। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री महोदय को भी लगभग कन्वींस कर लिया है। जवाहर ठाकुर पर यह कहावत पूरी तरह से चीरितार्थ होती है की अंधा बांटे रेवड़ीया फिर फिर अपनों को दे..इससे पंडोह क्षेत्र के लोग आहत हुए हैं। अपने आपको ठगा सा फील कर रहे हैं। इस संबंध में जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर ने कहा कि पंडोह चार विधानसभाओं की संगम स्थली है। पंडोह में ही कॉलेज खुलना चाहिए जिससे मुख्य रूप से ग्रामीण बेटियों को उनके घर द्वार में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसमें किसी तरह की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। जबकि पंडोह पंचायत की प्रधान गीता देवी ने कहा कि पंडोह में डिग्री कॉलेज होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए पंडोह में पर्याप्त में उपलब्ध है। जबकि सयोग पंचायत प्रधान वीना मंहत ने कहा कि पंडोह में कॉलेज खुलने से जहां शिक्षा का विस्तार होगा वही पंडोंह के विकास को गति मिलेगी। हिमाचल दिव्यांग कल्याण सभा के जिला संस्थापक राधा कृष्ण वर्मा ने कहा कि पडोह में कॉलेज की मांग पिछले 17 वर्षों से की जा रही है। जिसके लिए सर्वोत्तम स्थान इन दिनों थर्ड आईआरबीएन पंडोह के समादेशक का अस्थाई कार्यालय है। यह 18 बीघा भूमि है जो लोक निर्माण विभाग के नाम से दर्ज है। जिसके लिए सड़क बिजली पानी थर्डआई आरबीएनबी से अलग है। इसके साथ ही सरकारी भूमि भी है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ लगती है। भूमि कॉलेज के लिए सबसे उपयुक्त सबके लिए अत्यंत सुविधाजनक है। जबकि सदर के विधायक पूर्व में रहे मंत्री अनिल शर्मा ने कहा कि पडोह में कॉलेज की मांग बहुत ही वाजिब है। इसके लिए भूमि की कोई कमी नहीं है।