मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बादल फटने के कारण प्रभावित कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में चल रहे बचाव और राहत कार्यों के संदर्भ में आज संबंधित उपायुक्तों के साथ वर्चुअल माध्यम से समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक मशीनरी उपलब्ध करवा रही है। आपदा प्रभावित तीनों जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस बल की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुईं हैं। राहत एवं बचाव कार्यों के सफलतापूर्वक संचालन के लिए ड्रोन की सहायता भी ली जा रही है। राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ द्वारा खोजी कुत्तों की भी मदद ली जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि बादल फटने की घटना से छह लोगों की मृत्यु हुई है और 47 लोग लापता हैं जबकि 55 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला शिमला में आपदा प्रभावितों को फौरी राहत प्रदान की गई है। जिला कुल्लू के मलाणा गांव में 25 पर्यटक स्थानीय निवासियों के साथ सुरक्षित हैं और श्रीखंड के आसपास के क्षेत्रों में लगभग 300 श्रद्धालु भी सुरक्षित हैं। लोगों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-21 को शीघ्र बहाल करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने जिला अधिकारियों को सड़कों की मुरम्मत कर लोगों को राहत प्रदान करने के निर्देश दिए।
श्री सक्सेना ने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार प्रति परिवार 50 हजार रुपये की वित्तीय सहायता के साथ किराए के मकान के लिए तीन माह तक प्रतिमाह 5,000 रुपये प्रदान करेगी। इसके अलावा, इन परिवारों को निःशुल्क राशन, रसोई गैस और कम्बल की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
बैठक में प्रधान सचिव वन डॉ. अमनदीप गर्ग, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, उपायुक्त कुल्लू तोरुल एस. रवीश, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

By Leela Dhar Chauhan

LeelaDhar Chauhan (9459200288) MD/Chief Admin AAS 24news email-leeladhar9@gmail.com

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